ठाकुरद्वारा। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना में पूरा शहर भक्ति के रंग में रंग गया। शक्ति की साधना, भक्ति की अनुभूति और आस्था की गूंज ने ठाकुरद्वारा और आसपास के इलाकों को एक अलग ही आलौकिक माहौल में डुबो दिया। सुबह से देर रात तक मंदिरों में घंटे-घड़ियाल की गूंज और भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनियों ने हर किसी का मन मोह लिया।
मंदिरों में उमड़ा भक्तों का हुजूमसुबह होते ही ठाकुरद्वारा के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। खासकर महिला भक्त चुनरी ओढ़े, हाथों में कलश लिए मां चंद्रघंटा के दर्शन के लिए उत्साह के साथ मंदिरों की ओर निकल पड़ीं। कोतवाली रोड का दुर्गा मंदिर, प्राचीन हनुमान मंदिर, खागेश्वर मंदिर (बड़ा बाजार), हरिहर मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, कालरात्रि मंदिर, शिव मंदिर (बजारान मोहल्ला), माता मंदिर (नगर रोड), सिंचाई कॉलोनी मंदिर और आसपास के ग्रामीण इलाकों जैसे फैजुल्लागंज, निर्मलपुर, गोपीवाला, सुल्तानपुर दोस्त, लोगी कला, लौगी खुर्द, रामनगर खागूवाला, शरीनगर में मां के भजन-कीर्तन की धूम रही। हर तरफ भक्ति का ऐसा माहौल बना कि पूरा वातावरण मां की भक्ति में डूब गया।
मंत्रोच्चार और घंटा-घड़ियाल से गूंजा मंदिर परिसरभोर होते ही मंदिरों में घंटा-घड़ियाल और शंख की ध्वनियां गूंजने लगीं। महिलाएं थाली सजाए, मां के भजनों की मधुर तान छेड़ते हुए मंदिर परिसर में एकत्र हुईं। “जय मां चंद्रघंटा” के उद्घोष के साथ पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। भक्तों ने दीप जलाए, मां की आरती उतारी और उनके ज्योतिर्मय स्वरूप का ध्यान करते हुए अपने परिवार और समाज के लिए सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
रात तक चला भक्ति का दौर, प्रसाद वितरण ने बांधा समांशाम ढलते ही मंदिरों में सामूहिक भजन-कीर्तन का दौर शुरू हुआ। ढोलक, मंजीरा और तालियों की थाप पर “मईया के दरबार में जो भी गया खाली नहीं आया…” जैसे भक्ति भजनों ने श्रद्धालुओं के मन को भावविभोर कर दिया। भक्तों की आंखें नम और दिल भक्ति में डूबे नजर आए। मंदिरों में प्रसाद वितरण का दौर चला और देर रात तक श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।
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